रिपोर्ताज क्या है (reportaj kya hai): आज के आर्टिकल में हम हिंदी साहित्य के आधुनिक काल के अन्तर्गत रिपोर्ताज पर सम्पूर्ण जानकारी शेयर करेंगे।
रिपोर्ताज क्या है ?
‘रिपोर्ताज’ अंग्रेजी शब्द ‘रिपोर्ट’ (Report) का समानार्थी फ्रांसीसी भाषा का शब्द है। ‘रिपोर्ताज'(Reportaj) का संबंध ‘रिपोर्ट’ से है। अमरनाथ के अनुसार – “घटना का यथातथ्य वर्णन रिपोर्ताज का प्रमुख लक्षण है परन्तु रिपोर्ट के कलात्मक और साहित्यिक रूप को ही ‘रिपोर्ताज’ कहते हैं। तात्पर्य यह है कि “रिपोर्ताज’ ऐसी रिपोर्ट है जिसमें साहित्यिकता एवं कलात्मकता का समावेश होता है।” बहुत से साहित्यकारों की यह मान्यता है कि ‘रिपोर्ताज’ में भावना का आवेग होता है, जो मनुष्य के संघर्ष को देखकर जन्म लेता है।
रिपोर्ताज का जन्म 1936 ई. में हुआ। इसके जन्मदाता अमेरिकी लेखक इलिया एहटेनबर्ग हैं। द्वितीय विश्वयुद्ध की विभीषिका के अनेक रिपोर्ताज इनके द्वारा लिखे गये, फलस्वरूप रिपोर्ताज का उदय हुआ। हिंदी में रिपोर्ताज का जन्म ‘रूपाभ’ पत्रिका में प्रकाशित शिवदान सिंह की ‘लक्ष्मीपुरा में’ (1938) रचना से माना जाता है। तूफानों के बीच (1946, रांगेय राघव), पहाड़ों में प्रेममय संगीत (1955, उपेन्द्रनाथ अश्क), गरीब और अमीर पुस्तकें (1958, रामनारायण उपाध्याय), ऋण जल धन जल (1975, फणीश्वरनाथ रेणु), बाढ़, बाढ़, बाढ़ (विवेकी राय), फाइटर की डायरी (2013, मैत्रेयी पुष्पा) हिंदी के कुछ प्रमुख रिपोर्ताज हैं।