आधुनिक काल

समानांतर कहानी क्या है ?

समानांतर कहानी क्या है (Samanantar Kahani Kya Hai): आज के आर्टिकल में हम हिंदी साहित्य के आधुनिक काल के अन्तर्गत समानांतर कहानी पर सम्पूर्ण जानकारी शेयर करेंगे।

समानांतर कहानी क्या है ?

अकहानी आंदोलन की प्रतिक्रियास्वरूप सन् 1971 में कमलेश्वर के द्वारा समानांतर कहानी आंदोलन का प्रवर्तन हुआ। उन्होंने अकहानीकारों की ‘अय्याश प्रेतों का विद्रोह’ शीर्षक लेखमाला में तीव्र आलोचना की। ‘समानांतर’ से कमलेश्वर जी का अभिप्राय कहानी को आम आदमी के जीवन की परिस्थितियों एवं समस्याओं के समानांतर प्रतिष्ठापन से है। समानांतर कहानीकारों में कमलेश्वर के अतिरिक्त जितेन्द्र भाटिया, धमेन्द्र गुप्त, मणिमधुकर, मृदुला गर्ग, हिमांशु जोशी इत्यादि मुख्य हैं।

समानांतर कहानी की विशेषताएँ –

1. समानांतर कहानी में मध्यवर्गीय और निम्नवर्गीय समाज की विभिन्न स्थितियों, विषमताओं एवं समस्याओं का अंकन सूक्ष्मतापूर्वक हुआ।

2. इसमे पुरुष-नारी के संबंधों का स्वरूप एवं संतुलित चित्रण किया गया।

3. समानान्तर कहानी में शासन और राजनीति के दुर्बल पक्षों का भी उद्घाटन हुआ।

Search Queries:

समानांतर कहानी क्या है,समानांतर कहानी आंदोलन,समानांतर कहानी,समांतर कहानी के प्रवर्तक,समानान्तर कहानी क्या है,समानान्तर कहानी की विशेषताएँ,samanantar kahani kya hai,samanantar kahani ki visheshtaen,samanantar kahani ke pravartak,samantar kahani in hindi,samanantar kahani,samanantar kahani ke lekhak,samanantar kahani andolan,samanantar kahani ke pravartak kaun hai.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *